Blessings
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Blessings
क्या होता है ध्यान तेरा ,
जब मैं आसन लगाकर बैठती हूँ ,
क्या होता है तू वहीं ,
जब आखों में तुझको भर्ती हूँ ,
क्या साथ तेरा वो साया नहीं ,
जो महसूस सदा मैं करती हूँ ,
या हवाओं के अहसास और फ़िज़ा के नूर में भी ,
जहाँ अक्सर मैं खो जाती हूँ ,
नहीं मैं तुझसे दूर नहीं ,
तू है हर जगह जिधर भी मैं देखती हूँ।
रिद्धिमा
26-01-2021
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