साथ तुम्हारा

 ..

साथ तुम्हारा 


जान कर तुमको ,

न तुमको भूल पाएंगे ,

कैसे कह दिया तुमने हम किसी और के हो जायेंगे ,

तुमसे मोहब्बत है ,

कि नहीं है ,

ये तो नहीं पता ,

पर ये मोहब्बत किसी और से भी न कर पाएंगे ,

माना लब पर जिक्र होता है तुम्हारा कभी - कभी ,

पर जेहन ने तो तुम्हें भुलाया ही नहीं कभी ,

आते हो तुम धड़कन में साँसों की महक में ,

माना होता है मुश्किल से  नज़ारा दीदार में ,

तुम तुम्हारा प्यार सब याद है मुझे ,

अब कोई गिला कोई शिकायत नहीं मुझे ,

साथ तुम हो , हो आसपास ,

बस अहसास काफी है ,

बात तो तब हो ,

जब यह अहसास ही काफी है। 

 रिद्धिमा 

20 - 01 - 2021









                                                 


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