मेरा देश विश्वविजयी कैसे बन सकता है ?
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मेरा देश विश्वविजयी कैसे बन सकता है ?
स्वीकार है मुझे जेल में रहना,
स्वीकार है मुझे फांसी पर लटकना,
स्वीकार है सब कुछ स्वराज के लिए जो है मेरा सपना,
स्वीकार है सब कुछ अब नये स्वतंत्र भारत को है देखना,
आज़ाद हिन्द फौज की गाथाएँ,
जो शौर्य को जगाती हैं,
पिता जी ये कथाएं हमें क्यों नहीं पढाई जाती हैं ?
पिता जी कुछ मौन थे,
देश के इतिहास में ये कुर्बानी की कहानीयाँ बच्चों तक क्यों नहीं है,
सोच ही रहे थे,
कि नन्ही लक्ष्मी ने फिर पूछा,
पिता जी देश आज़ाद हो गया,
तो क्या अब हम मनमानी के लिए
स्वतंत्र हैं ?
पिता ने कहा-
स्वछंद और स्वतंत्र में अंतर होता है,
महिमा और मर्यादा न हो भंग,
ये भी ध्यान रखना होता है,
लक्ष्मी ने फिर कहा-
ये महिमा और मर्यादा क्या होती है?
पिता ने उत्तर दिया-
योग, संस्कृति और विज्ञान से,
देश की महिमा उजागर होती है,
चोरी, भ्रष्टाचारी , संविधान के
खण्डन से,
देश की मर्यादा उल्लंघित होती है,
तभी एक बात और दिमाग में आई,
और लक्ष्मी कुछ उत्साहित होकर बोली,
मेरा देश विश्वविजयी कैसे बन सकता है ?
अब इस प्रश्न का उत्तर,
हम सब पर आता है,
कहिये ना-
मेरा देश विश्वविजयी कैसे बन सकता है ?
बताइये ना-
मेरा देश विश्वविजयी कैसे बन सकता है ?
रिद्धिमा
जय हिंद
स्वंतंत्रता दिवस पर विशेष
👌👍
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