तितली

 


          तितली






बैठ कर अक्स पर अपने तितली ,

आईने की तितली से कहने लगी ,

छोड़ कर ये ख्वाब की दुनिया ,

आ तुझे मैं हकीकत में गले लगा लूँ ...

Comments

Popular posts from this blog

पिंजरे की बुलबुल

माटी का बैभव