मुमकिन है
मुमकिन है कि लफ़्ज - लफ़्ज आइना बन जाए ,
नज़र हो तेरी और अश्क़ गज़ल की पलकों पर सज जाए ,
और मुमकिन है यह भी तसव्वुर से मोहब्बत हो इतनी ,
कि अक्स-अक्स रह जाए और मजमून ही खो जाए ..
मुमकिन है कि लफ़्ज - लफ़्ज आइना बन जाए ,
नज़र हो तेरी और अश्क़ गज़ल की पलकों पर सज जाए ,
और मुमकिन है यह भी तसव्वुर से मोहब्बत हो इतनी ,
कि अक्स-अक्स रह जाए और मजमून ही खो जाए ..
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